एनटीपीसी प्रबंधन, जिला प्रशाषण व प्रखंड प्रशाषण के उदासीन रवैये का दंश झेल रहा, पुराने ब्लाॅक परिषर में अवस्थित शिव व हनुमान मंदिर। - एक संदेश भारत

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शनिवार, मई 21, 2022

एनटीपीसी प्रबंधन, जिला प्रशाषण व प्रखंड प्रशाषण के उदासीन रवैये का दंश झेल रहा, पुराने ब्लाॅक परिषर में अवस्थित शिव व हनुमान मंदिर।




NTPC द्वारा मंदिर के चारो ओर खोदा गया गड्ढा। 


टंडवा (बाल कृष्ण यादव/एक संदेश भारत) : टंडवा के छ: गांवों के अधिगृहित क्षेत्र में स्थापित देश की महारत्न कम्पनी एनटीपीसी की 1980 मेगावाट की उतरी कर्णपुरा परियोजना क्षेत्र में नईपारम मौजा के टंडवा रांची मुख्य पथ पर अवस्थित पुराना ब्लाॅक व अंचल कार्यालय परिषर में दशकों पूर्व से शिव व हनुमान जी का मंदिर स्थापित है। 


मंदिर की एक वर्ष पूर्व की तस्वीर। 


यहां ध्यान देने योग्य यह है कि पुराने ब्लाॅक व अंचल कार्यालय को एनटीपीसी परियोजना द्वारा लगभग 2 वर्ष पूर्व हीं नईपारम मौजा में अपने अधिगृहीत भूमी पर करोड़ो रूपये के लागत से नए  कार्यालय का निर्माण कर जिला प्रशाषण व प्रखंड प्रशाषण को सौंपा जा चुका है। एवं पिछले दो वर्षों से नए परिषर से हीं सभी काम निष्पादित किये जा रहे हैं। वहीं विडम्बना देखिए की इसी पुराने ब्लाॅक व अंचल कार्यालय के परिषर में अवस्थित शिव जी व हनुमान जी के मंदिर को उसी पुराने परिषर में हीं छोड़ रखा है।


ध्यान रहे की जिस परिसर में हिन्दू आस्था के केन्द्र वह शिव जी व हनुमान जी का मंदिर अवस्थित है, वहां मंदिर के चारो ओर एनटीपीसी द्वारा तालाब निर्माण के लिए मिट्टी कटाई किया गया है और चारो ओर 15 फीट की लगभग गहरा गड्डा किया जा चुका है और सिर्फ गहरा गड्डा के निर्माण तक हीं एनटीपीसी नहीं रूका है। मंदिर तक पूजा-पाठ के लिए आने-जाने का रास्ता तक छोड़ना भी उचित नहीं समझा और पुर्णरूप से रास्ता बंद कर दिया है।


और इनसब के बावजूद मंदिर के प्रति उदासिनता किस हद तक परियोजना के साथ साथ जिला व प्रखंड प्रशाषण ने पाल रखा है कि इस मंदिर को नए परिसर में स्थापित नहीं करने के विरूद्ध किसी भी प्रकार के आपत्ति या नाराजगी व्यक्त करने तक का मौका नहीं मिला आजतक।


और ऐसे में हालात में सवाल तो यही उठता है कि जब करोड़ो के लागत से एनटीपीसी ब्लाॅक व अंचल कार्यालय परिसर को नए स्थान पर नए भवनों का निर्माण कर स्थानांतरित कर सकती है।  तो उसी पुराने परिसर में अवस्थित इस मंदिर को एनटीपीसी ने क्यों नहीं बनाकर स्थानांतरित किया। आखिर क्या एनटीपीसी ने इस मंदिर का मुल्यांकन व मुआवजा तय नहीं किया और नहीं किया तो क्यों?


सामाजिक कार्यकर्त्ता बाल कृष्ण यादव द्वारा लिखे गए पत्र। 


आज से साल भर पहले समाजिक कार्यकर्ता बाल कृष्ण यादव द्वारा तत्कालिन ईडी असीम गोस्वामी को पत्र लिखकर मंदिर के निर्माण कर नए परिसर में स्थापित करने की मांग किया गया था जिसके फलस्वरूप एनटीपीसी ने तो नए ब्लाॅक परिषर में मंदिर का निर्माण तो आधा-अधुरी करावाया लेकिन पुराने परिसर में अवस्थित शिवलिंग व हनुमान जी के प्रतिमा को विधिवत नए परिसर में आजतक भी स्थापित नहीं कर सकी है। 


अब देखना यह होगा की इस खबर के प्रकाशित होने के बाद भी इसकी कोई व्यवस्था एनटीपीसी व प्रखंड प्रशासन बनाती है और प्रतिमाओं का ससम्मान नए मंदिर परिसर में विधिवत्त प्राण-प्रतिष्ठा करवाती है या नहीं।


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