- 06 मई को नामांकन पर्चा चतरा में भरेंगे उपेन्द्र पांडेय।
- चुनावी समीकरण में उलझे हैं कथित दिग्गज प्रत्याशी, पहली बार राहम गांव से जिला परिषद सदस्य के लिए उम्मीदवारी ने बढ़ाई है क्षेत्र में सियासी तपमान।
- 06 मई को नामांकन पर्चा चतरा में भरेंगे उपेन्द्र पांडेय।
- चुनावी समीकरण में उलझे हैं कथित दिग्गज प्रत्याशी, पहली बार राहम गांव से जिला परिषद सदस्य के लिए उम्मीदवारी ने बढ़ाई है क्षेत्र में सियासी तपमान।
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युवा नेता उपेंद्र पांडेय। |
टंडवा (बाल कृष्ण यादव/एक संदेश भारत) : पंचायत चुनाव के इस सियासी तपमान के बीच जहां टंडवा मध्य क्षेत्र से एकाएक प्रत्याशीयों के घोषणा ने चुनावी पारा को बढ़ाकर जनता को सोचने के लिए विवश करना शुरू कर दिया है। वहीं एक ओर पुर्व के चुनाव में प्रत्याशी रहे लोग भी अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं और अपनी जीत का दावा करते दिख रहे हैं। कुछ तो अपने वोट को उंगलीओं में गिनकर अपनी जीत के आंकड़े प्रस्तुत भी कर रहे हैं।
इसी बीच पहले के चुनाव में शांत रहकर अन्य प्रत्याशीयों को अपना समर्थन देने वाला राहम गांव से उपेन्द्र पांडेय की उम्मीदवारी ने इस बार अन्य प्रत्याशीयों की बैचेनी बढ़ा दी है।
उपेन्द्र पांडेय ने भी मजबुत उम्मीदवारी पेश करके चुनावी पंडितों को नए समीकरण बनाने के लिए विवश कर दिया है। जहां उपेन्द्र पांडेय ने भी अपनी व्यक्तिगत छवि एक साधारण गरीब परिवार से निकलकर राजनिति में अपने बुलंदीयों के झंडे गाड़े हैं। और वर्तमान में आजसू जैसे राजनैतिक संगठन के युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष के जिम्मेवारी का निर्वहण कर रहे हैं। समाजिक जीवन की बात करें तो युवाओं के लिए इन्होनें खेल के क्षेत्र में क्रिक्रेट व फुटबाल टुर्नामेंट करवाने के साथ-साथ धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़ कर अपने योगदान व भागीदारी से भी अपनी पहचान बनाया है।
अब इन सब के बीच देखना यह दिलचस्प होगा की राजनिति के पीच पर उपेन्द्र पांडेय कितना मजबुत बल्लेबाजी करते हैं एवं विरोधीयों को परास्त करने में किस हद तक सफल हो पाते हैं।