धैर्य मजबूत है हार नही मानूँगा : आशुतोष मिश्रा - एक संदेश भारत

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रविवार, जुलाई 11, 2021

धैर्य मजबूत है हार नही मानूँगा : आशुतोष मिश्रा

कोल परियोजना की खूबसूरत तस्वीर के लिए आख़िरी दम तक लड़ूंगा।  

टंडवा/चतरा ( विजय शर्मा की रिपोर्ट ) : विस्थापित प्रभावित वाहन मालिकों का हड़ताल आम्रपाली कोल परियोजना क्षेत्र में रविवार को सातवें दिन भी जारी रहा कोल परियोजना क्षेत्र में स्थानीय वाहन मालिकों का करीब 20 करोड़ रुपये का बकाया कोल परियोजना क्षेत्र में दर्जनों ट्रांसपोर्टरों के पास बकाया है ।वही दूसरी तरफ कोल परियोजना क्षेत्र में डीजल के बढ़ते मूल्य के बावजूद भाड़े में बढ़ोतरी नही करने से स्थानीय वाहन मालिकों का जीना दुश्वार हो चुका है ।


कोल परियोजना क्षेत्र में चल रहे आंदोलन का स्थानीय विधायक किशुन कुमार दास का भी भरपूर समर्थन है ।वही मंत्री स्त्यानन्द भोक्ता समेत सांसद सुनील सिंह भी स्थानीय वाहन मालिकों की पीड़ा से अवगत है।आम्रपाली कोल परियोजना क्षेत्र में सैकड़ों ट्रक हाइवा मालिको की रोजी रोटी अपने वाहनों से चलती है ।कोल परियोजना खुलने के बाद लोगो मे यह आशा जगी थी कि हमारा जीवन सुखी होगा और जिंदगी पटरी पर आ जायेगी ।


परन्तु कोयले के खेल में कोल कम्पनियो एवं  ट्रांसपोर्टरों  के कुचक्र में स्थानीय वाहन मालिक विगत तीन सालों के दौरान ऐसा फंसे की न ही उनकी वाहन बच सकी वही बकाए भाड़े पर कुंडली मार कर बैठ गया । कोल परियोजना क्षेत्र में यह सबसे काला अध्याय माना जाता है जब बकाया भाड़ा की मांग करते करते वाहन मालिक जुगेश्वर साव को आत्महत्या कर लेनी पड़ी।वही सैकड़ो वाहन को फाइनेंसर द्वारा जब्त कर लिया गया । 


सबसे दुखद पहलू यह रही कि इन सब दृश्यों के बीच कोल कंपनियों एवं ट्रांसपोर्टरों की नीति में अब तक सुधार देखने को नही मिला है । लोगो की चेहरे की मुस्कुराहट शायद इन्हें पसन्द नही। कोल परियोजना क्षेत्र में विगत सात वर्षों के दौरान रोजी रोजगार लोगो के हाथों से छीन गई। आलम यह है सीसीएल प्रबन्धन एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि ने कभी इनके मसले को गम्भीरता से नही लिया। यदि लिया होता तो वर्तमान जो दशा है ऐसी भयावह तस्वीर नही रहती। कोल परियोजना क्षेत्र में विस्थापित प्रभावित वाहन मालिकों कें हक अधिकार एवं खूबसूरत जिंदगी जीने  के क्या हर बार आंदोलन से भी जिला प्रशासन एवं सीसीएल प्रबन्धन की कानो में जू तक नही रेंगती यह भी बहुत दुर्भाग्य की बात है । क्या छोटी छोटी समस्याओं का समाधान नही किया जा सकता। 


आंदोलकारी आशुतोष मिश्रा ने बताया कि स्थानीय विस्थापित प्रभावित वाहन मालिकों की पीड़ा इस बार हर हाल में दूर होना चाहिए उनका धैर्य मजबूत है वह इस बार हार नही मानेंगे वही सबका सहयोग भी जरूरी है जिससे मंजिल को अंजाम तक पहुंचाया जा सके एवं कोल परियोजना क्षेत्र में सुख शांति की तस्वीर एक बार फिर से नजर आए।

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